क्यूँ है ये इतनी जद्दोजहद,
क्यूँ होता है ये इतना तड़पना,
क्यूँ, आखिर क्यूँ ?
जद्दोजहद, ये,
खुद से लड़ने की
मन को समझने की
झूझने तड़पने की,
बनावटी हंसी चेहरे की
मदद को तरसने की
झलकती चिंताओं की,
नहीं लड़ना मुझे खुद से,
नहीं इस कदर डरना मुझे खुद से
नहीं करनी मुझे ये जद्दोजहद !
क्यूँ होता है ये इतना तड़पना,
क्यूँ, आखिर क्यूँ ?
जद्दोजहद, ये,
खुद से लड़ने की
मन को समझने की
झूझने तड़पने की,
बनावटी हंसी चेहरे की
मदद को तरसने की
झलकती चिंताओं की,
नहीं लड़ना मुझे खुद से,
नहीं इस कदर डरना मुझे खुद से
नहीं करनी मुझे ये जद्दोजहद !