मंगलवार, 22 नवंबर 2016

ये जुदाई !!

हँसा देती है जो रोते रोते  ,
रुला देती जो हँसते हँसते ,
यादो में कर दे जो जीना मुश्किल,
टूटने पे कर दे जो बिखरना  मुश्किल,
तोड़ देती जो पूरी तरह,
जोड़ती  जो बिना किसी वजह,
सिखाती जो करना बन्दगी ,
कभी कर देती जो मुश्किल ज़िन्दगी ,
पिघला देती जो सुलगी हुई सी समां को,
 रुला देती जो हँसते हुए इक इंसा को ,
मोड़ देती जो सावन की झड़ी को ,
आँसुओ से भर देती जो मेरी अँखियो को,
नाम मे है जिसके बस जो तन्हाई,
समझ लेना तब की, है ये जो तन्हाई,
बस इसी का नाम है जुदाई!
बस इसी का नाम है ये जुदाई!!



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